Monday, May 18, 2009

भोकाल टाइट तो फ्यूचर ब्राइट

टाइटल पढ़कर चौंकियेगा मत, ये ज़िदगी की असलियत है।बचपन में ये कहावत थी लेकिन जब से दुनियादारी सीखी है,ये चरितार्थ हो गई है।कभी ऑफिस में तो कभी परिवार में तो कभी दोस्तों के बीच जिसका भी भोकाल टाइट रहा उसका फ्यूचर निश्चित तौर पर ब्राइट हुआ है। भोकाल टाइट का मतलब शब्दों में समझाना नामुमकिन है। इसके लिये कुछ उदाहरण ही काफी हैं। जैसे ऑफिस से किसी टुच्चे से काम के लिये भेजे जाने पर मैंने विरोध किया और कहा कि मेरी शिफ्ट खत्म हो गई है, और भी लोग हैं उन्हें क्यों नहीं भेजते, तो मुझे जवाब मिला कि उन लोगों का भोकाल टाइट है। वो टका सा जवाब देंगे और चलते बनेंगे। तब मुझे एहसास हुआ कि मैं तो उन लोगों के सामने बहुत ही तुच्छ प्राणी हूं। मैंने कभी अपना भोकाल टाइट करने की कोशिश नहीं की, लगता है इसीलिये मेरे फ्यूचर से खिलवाड़ हो रहा है। भोकाल टाइट करने के लिये सबसे पहले बॉस को खोफ्चे में लेना पड़ता है। उसके बाद सहकर्मियों से थोड़ी दूरी बनानी पड़ती है। बॉस जब भी ऑफिस में नज़र आए तो उससे चिपक जाना पड़ता है। कोई कुछ काम बोले तो उसे बहुत ही बिज़ी होकर दिखाना पड़ता है। तब जाकर धीरे धीरे भोकाल टाइट होता है। और हां जिन लोगों का भोकाल टाइट होता है उनका ही फ्यूचर ब्राइट होता है।

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