Tuesday, July 21, 2009

तलवा चाटू विदेश नीति

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक टुच्चे से अमेरिकी एयरलाइंस के सुरक्षा अधिकारियों ने भारत के पूर्व प्रथम पुरुष(राष्ट्रपति) और मिसाइल मैन ए.पी.जे अब्दुल कलाम की तलाशी ले ली और उनके जूते भी उतरवा दिये।बदले में संबंधित विभाग के मंत्री ने विपक्ष के लगातार हो रहे हमलों से बचने के लिये उस एयरलाइंस को नोटिस भी भेज दिया। लेकिन एयर लाइंस की हिम्मत तो देखिये, तपाक से जवाब आया कि अमेरिका के कानून में किसी भी व्यक्ति को बोर्डिंग से पहले इस तरह की छूट नहीं दी जाती है, और उन्होंने उसी अनुसार काम किया। कमाल तो ये है कि ये पहली बार नहीं हो रहा। इससे पहले की घटनाएं आपको याद दिला दूं,
जॉर्ज फर्नाडिज़ जो कि तत्कालीन रक्षा मंत्री थे, अमेरिका में सुरक्षा जांच के नाम पर तो उनके कपड़े ही उतरवा लिये।
यही नहीं सोमनाथ चैटर्जी (पूर्व लोकसभा स्पीकर) के साथ एक ऑस्ट्रेलियन एयर लाइंस ने भी ऐसा ही किया,
एक बार जब बुश भारत के दौरे पर थे तो उसके पर्सनल गार्ड्स ने महात्मा गांधी की समाधि की खोजी कुत्तों से तलाशी ली।
लेकिन लानत है हमारे नेताओं पर ऐसी घटना के बाद भी कोई ऐसी कारवाई नहीं जिससे एक आम भारतीय के दिल में लगी आग बुझा सकें। आखिर ये कैसी फॉरेन पॉलिसी है जिसमें सिर्फ शक्तिशाली देशों के तलवे चाटने का काम होता है। देश का स्वाभिमान कहां गया, शायद वाजपेयी जी के साथ ही बूढ़ा हो गया। जब भी इस तरह की कोई घटना होती है संसद में हंगामा होना तो तय है। विपक्ष के हाथ में मुद्दा मिलता है तो हंगामा होना लाज़िमी है। विपक्ष में बैठी हर पार्टी सबसे बड़ी देश प्रेमी पार्टी नज़र आती है।लेकिन जब कभी दूसरों को जवाब देने का मौका आता है तो सब के सब इसी बिना रीढ़ की फॉरेन पॉलिसी से बंध जाते हैं।
कारगिल में पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों के साथ मिलकर घुसपैठ की,तो भारतीय सेना ने तमाम बलिदानों के बाद ऊंचे शिखरों पर विजय प्राप्त कर ली। कारगिल में जब हमारे जवानों ने अपनी चोटियों पर कब्ज़ा कर लिया तब घुसपैठिये भागने लगे। लेकिन सेना ने अपनी आंखों के सामने से उन्हें जाने दिया क्योंकि उनपर गोली चलाने के लिये सरकार ने आदेश नहीं दिये थे। कमाल है ये नेता आखिर किस मिट्टी के बने हैं। आखिर ये कैसी बिना रीढ़ की फॉरेन पॉलिसी है?

2 comments:

  1. ये सब बिना रीढ़ के केंचुए हैं... इनसे क्या उम्मीद रखना मेरे भाई...
    खैर पुरानी कहावत है की ''जिसकी........ ........ वही बाप-बाप कहेगा....'' शायद ये सरकार भूल गयी है ये कहावत वरना अब तक उस एयर लाइंस पर हिंदुस्तान के अन्दर घुसने पर भी रोक लग गयी होती....
    भगवन इन्हें सद-बुद्धि दे.....!!!

    ReplyDelete
  2. इसमें इनकी कोई गलती नहीं। दरसल वोट मांगने के लिये जनता के सामने बार बार हाथ जोड़कर झुकते झुकते इनकी रीढ़ की हड्डी ही टेढ़ी हो गई है। भारत के नेता सीधे तनकर खड़े होना भूल गए हैं।

    ReplyDelete